कॉरपोरेट कम्युनिकेशन की मदद से ही किसी भी कंपनी की बेहतर तस्वीर सबके सामने आती है। वर्तमान माहौल में इसके जानकारों की मांग काफी बढ़ी है। किसी कंपनी की बेहतर छवि बनाने के लिए कॉरपोरेट कम्युनिकेशन विभाग जिम्मेदार होता है। इस दृष्टिकोण से इसका महत्व अब काफी बढ़ गया है। इसके अलावा कंपनी के संपूर्ण आंतरिक सूचना-तंत्र की जिम्मेदारी भी कॉरपोरेट कम्युनिकेशन पर ही होती है। आज लगभग हर फील्ड की कंपनियों में कॉरपोरेट कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट होता है, जहां इस विषय के जानकारों की नियुक्ति होती है। कार्य का स्वरूप (Corporate Communication Work Profile) कॉरपोरेट कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट द्वारा ही कंपनी के सभी संदेशों को आवश्यक ठिकानों तक पहुंचाया जाता है। कॉरपोरेट पहचान बनाने में इस विभाग की खास भूमिका होती है। इसके लिए विभिन्न साधनों, जैसे प्रेस रिलीज, ई-मेल, वेबसाइट, सोशल प्रोग्रामिंग, मैसेजिंग आदि का इस्तेमाल किया जाता है। मीडिया से संपर्क रखना कॉरपोरेट कम्युनिकेशन का एक प्रमुख काम है। नियोक्ता और कर्मचारी के बीच सूचनाओं के आधार पर तालमेल बनाना भी इसका काम है। व्यक्तिगत योग्यता (Personal Eligibility) अभ्यर्थी के लिए जरूरी है कि उसमें टीम के साथ मिलकर काम करने की क्षमता हो। लिखने और बोलने संबंधी बेहतर कुशलता के लिए भाषा पर भी अच्छी पकड़ होनी चाहिए। उसे क्रिएटिव होना चाहिए। कंपनी से संबंधित सभी जानकारी उसे अच्छी तरह होनी चाहिए। शैक्षणिक योग्यता (Corporate Communications Eligibility qualifications) इस फील्ड में सफलता के लिए अभ्यर्थी को ग्रेजुएट होना चाहिए। उच्च शिक्षा या एमबीए की डिग्री वाले छात्रों को अच्छे मौके मिल सकते हैं। कॉरपोरेट कम्युनिकेशन का संबंध जनसंचार से है, इसलिए मास कम्युनिकेशन, जर्नलिज्म, पब्लिक रिलेशन या कॉरपोरेट कम्युनिकेशन से संबंधित पाठक्रम इस फील्ड में कैरियर बनाने में मददगार हैं। कहां हैं मौके(Scope and Opportunities for Corporate Communications) औद्योगिक और कारोबारी विस्तार के कारण भारत में कॉरपोरेट कम्युनिकेशन का भविष्य बेहद उज्ज्वल है। तमाम देसी कंपनियों में तो मौके हैं ही, मल्टीनेशनल कंपनियों (एमएनसी) के कारण इस फील्ड में रोजगार के मौके और बढ़े हैं।
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