आडिएंस
संचार प्रक्रिया में आडिएंस का बड़ा महत्व है। यदि आडिएंस न हो तो संचार प्रक्रिया अधूरी होगी। संचार प्रक्रिया में जितना महत्व एक वक्ता का होता है, उतना ही महत्व उसके श्रोता यानी आडिएंस का भी होता है। आडिएंस की परिभाषा को एक निश्चित दायरें में समेटना कठिन है। इसे जिस संदर्भ में देखा जाये, उसी संदर्भ में उसकी एक परिभाषा बन जाती है।परिभाषा
- संचार के संदर्भ में आडिएंस वह व्यक्ति या समूह होता है, जो संदेश को ग्रहण करता है। इस आधार पर इसे ग्रहीता कहा जाता है।
- संचार प्रक्रिया में संदेश प्राप्त करने वाले वाले को प्रापक कहते हैं, अतः आडिएंस को प्रापक भी कहा जाता है।
आडिएंस की परिभाषा उसके लिए उपयोग किये जाने वाली जगहों या प्रक्रियाओं के संदर्भ में भी अलग हो जाता है।
- जनसंचार में आडिएंस यानी ‘जन’ का अर्थ जनमाध्यमों का उपयोग करने वाले लोग होते हैं। यह आडिएंस वर्ग विभिन्न जनमाध्यमों को अपनी-अपनी सुविधानुसार उपयोग करते हैं।
- इसी तरह जनसंपर्क में ‘जन’ की व्याख्या करें तो किसी भी संस्था या संगठन के आंतरिक और बाह्य स्तर पर जुड़े हुए लोग जन या आडिएंस कहे जाते हैं। ये जन संस्था के कर्मचारी भी होते हैं और संस्था के उपभोक्ता भी होते हैं।
मीडिया के आधार पर आडिएंस के प्रकार
मीडिया के संदर्भ में आडिएंस मीडिया की प्रवृत्ति के आधार पर अपने अलग-अलग नामों से जानी जाती है-
- अगर आडिएंस समाचार पत्र का है तो उसे पाठक या रीडर कहा जाता है। पाठक की खूबी यह है कि वह साक्षर होता है और उसमें समाचार पत्र में लिखे समाचारों को पढ़ने और समझने की क्षमता होती है।
- अगर आडिएंस रेडियो का है तो उसे श्रोता या लिश्नर कहा जाता है। श्रोता वर्ग की खूबी यह है कि वह साक्षर हो या निरक्षर, रेडियो से प्राप्त संदेशों को समझने की क्षमता रखता है।
- अगर आडिएंस टेलीविजन का है तो उसका स्वरूप बदल जाता है। टेलीविजन के आडिएंस को दर्शक या व्यूवर कहा जाता है। दर्शक वर्ग टेलीविजन में प्रसारित होने वाले समाचारों को देखकर संदेश को ग्रहण करने का कार्य करता है।
- इसी तरह से आडिएंस का एक नया वर्ग तैयार हुआ है, जिसे यूजर्स कहा जाता है। यह वर्ग ऑनलाइन मीडिया का इस्तेमाल करता है। यह वर्ग ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध सामग्रियों का उपयोग करता है। वर्तमान समय में इस आडिएंस वर्ग को सूचना को प्राप्त करने के लिए सबसे अधिक अत्याधुनिक माना जाता है।
समाज में लोगों की प्रवृत्ति के आधार पर भी आडिएंस को अलग-अलग नाम से जानते है और मीडिया के प्रति उनके व्यवहार को देखते हुए उनकी प्रकृति भी अलग-अलग प्रतीत होती है।
- इसमें एक एलीट आडिएंस होता है। यह वर्ग समाज का नेतृत्वकर्ता या अगुवाकार होता है। इसकी लोकप्रियता समाज में काफी अधिक होता है। इस वर्ग का समाज में अधिकतर लोग अनुकरण करते हैं। यह वर्ग मीडिया में ज्यादा पसंद किया जाता है। मीडिया को अपने कार्यक्रम निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री इसी वर्ग से मिलती है। अतः मीडिया के कार्यक्रमों में इस वर्ग की काफी भागीदारी होती है। जबकि यह वर्ग अपनी व्यस्तताओं के चलते मीडिया को उतना समय नहीं दे पाता है, जितना समाज का सामान्य वर्ग। राजनेता, अभिनेता, खिलाड़ी, शिक्षक, डॉक्टर, धर्म गुरू आदि इसी वर्ग में आते हैं।
- जनरल आडिएंस, एलीट आडिएंस के ठीक विपरीत होता है। जनरल आडिएंस सूचनाओं के लिए मीडिया पर निर्भर रहता है। यह वर्ग सूचनाओं के लिए मीडिया का अधिक उपयोग करता है। मीडिया की लोकप्रियता इसी वर्ग के चलते तय की जाती है। जिस मीडिया समूह का जनरल आडिएंस जितना अधिक होता है, उसकी लोकप्रियता उतनी अधिक मानी जाती है। समाज में मध्यम वर्ग को जनरल आडिएंस के रूप में देखा जा सकता है।
आडिएंस को मीडिया और सोसाइटी की संदर्भ में देखें तो भी इसका नाम स्वरूप बदल जाता है।
- जब मीडिया अपने कार्यक्रम को तैयार करने के लिए विशिष्ट दर्शक वर्ग का चुनाव करती है तो यह दर्शक वर्ग यानी आडिएंस टारगेट आडिएंस या लक्षित आडिएंस कहलाता हैं। इस आडिएंस वर्ग की विशिष्ट जरूरतों के मद्देनजर ही मीडिया अपने कार्यक्रम तैयार करती है। व्यवसायिक गतिविधियों से जुड़े आडिएंस वर्ग के लिए शेयर मार्केट से जुड़ी हलचल को दिखाने जैसे कार्यक्रमो का तैयार किया जाना।
- इसी तरह जब समाज का एक हिस्सा कुछ विशिष्ट गुणों के कारण कुछ अलग होता है और उसकी जरूरतें कुछ अलग होती हैं। यह वर्ग अपनी विशिष्ट जरूरतो के आधार पर ही विशिष्ट आडिएंस या स्पेशलाइज्ड आडिएंस कहलाता है। उदाहरण के लिए आदिवासी समुदाय, बच्चे आदि।
आडिएंस के कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित है-
- यह संचार प्रक्रिया की महत्वपूर्ण कड़ी होता है।
- यह संदेश को ग्रहण करने का कार्य करता है।
- इसके बिना संचार प्रक्रिया अधूरी होती है।
- आडिएंस की विभिन्न प्रवृत्तियों के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। जैसे पाठक, श्रोता, दर्शक और यूजर्स।
- संदेश का निर्माण आडिएंस की जरूरतों और प्रवृत्तियों को देखते हुए किया जाता है।
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